Sunday, November 1, 2015

Essay on The role of Maulana Abul Kalam Azad in the making of modern India

Essay on The role of Maulana Abul Kalam Azad in the making of modern India
अबुल कलाम आजाद; 11 November 1888 - 22 फरवरी 1958) एक भारतीय विद्वान ,शिक्षाविद् और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता थे।
वे खिलाफत आंदोलन के एक मुख्य नेता थे जिसमे उन्होंने अंग्रेजो का डटकर विरोध किया। इसी आंदोलन के दौरान वे महात्मा गांधी के संपर्क में आये और उनसे प्रभावित हुए।
अबुल कलाम आजाद ,अहिंसक सविनय अवज्ञा के गांधी जी के विचारों के एक उत्साही समर्थक बन गए, और 1919 रोलेट अधिनियमों के विरोध में असहयोग आंदोलन को संगठित करने का महत्वपूर्ण काम किया।

1923 में, 35 की उम्र में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुने , सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए।
कलाम आजाद 1931 में धर्साना सत्याग्रह के मुख्य आयोजकों में से एक थे, और  हिंदू-मुस्लिम एकता ; धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के मामले उठाने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेताओं में से एक के रूप में उभरे।
भारत छोड़ो आंदोलन में भी अबुल कलाम आजाद ने महत्पूर्ण योगदान दिया ।

भारत की स्वतंत्रता के बाद, वह भारत सरकार में  प्रथम  शिक्षा मंत्री बने। उन्होंने राष्ट्रीय नीतियों को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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