अपने विद्यालय को मैं एक खुशहाल जगह कैसे बना सकता हूँ।
विद्यालय एक ऐसी पवित्र जगह होती है जहाँ सभी विद्या ग्रहण करते है। अगर विद्यालय का माहौल खुशनुमा और शांतिपूर्ण होगा तो विद्यार्थियों का मानसिक व् शारीरिक विकास भी अच्छी तरह से होगा। मैं भी विद्यालय को खुशहाल बनाने में अहम् भूमिका निभा सकता हूँ। अपने सभी सहपाठियों के साथ समान रूप से बिना भेदभाव के मित्रता कर अपनी कक्षा का वातावरण अच्छा बना सकता हूँ। महात्मा गांधी के आदर्श जैसे अहिंसा परमोधर्मः को अपने जीवन में अपनाकर और अपने मित्रो को भी अहिंसा के लिए प्रेरित कर विद्यालय को अच्छा बना सकता हूँ। अनुशासन और नियमो का पालन कर , अपने शिक्षको का सम्मान कर , परोपकार आदि से एक उत्कर्ष विद्यालय का सपना पूरा किया जा सकता है।
Essay on How I can Make My School a Happy Place in hindi.
विद्यालय एक ऐसी पवित्र जगह होती है जहाँ सभी विद्या ग्रहण करते है। अगर विद्यालय का माहौल खुशनुमा और शांतिपूर्ण होगा तो विद्यार्थियों का मानसिक व् शारीरिक विकास भी अच्छी तरह से होगा। मैं भी विद्यालय को खुशहाल बनाने में अहम् भूमिका निभा सकता हूँ। अपने सभी सहपाठियों के साथ समान रूप से बिना भेदभाव के मित्रता कर अपनी कक्षा का वातावरण अच्छा बना सकता हूँ। महात्मा गांधी के आदर्श जैसे अहिंसा परमोधर्मः को अपने जीवन में अपनाकर और अपने मित्रो को भी अहिंसा के लिए प्रेरित कर विद्यालय को अच्छा बना सकता हूँ। अनुशासन और नियमो का पालन कर , अपने शिक्षको का सम्मान कर , परोपकार आदि से एक उत्कर्ष विद्यालय का सपना पूरा किया जा सकता है।
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