Essay on uttrakhand ki prkruti.
Nature of uttrakhand in hindi
उत्तराखंड प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यह प्रदेश, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और तीर्थ केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है। आप को यहां अंतहीन प्राकृतिक सुंदरता के अभूतपूर्व दर्शन होंगे। 'पहाड़ों की रानी' मसूरी,'लेक डिस्ट्रिक्ट' नैनीताल, 'भारत का स्विट्जरलैंड' कौसानी ,देहरादून ,रानीखेत, पिथौरागढ़, और पौड़ी आदि प्रकृति प्रेमियों के लिए प्रकृति का उपहार समान है।
गंगा और यमुना नदी के बीच स्थित देहरादून से हिमालय पर्वतमाला बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है।नैनीताल, समुद्र स्तर से 1938 मीटर ऊंचाई पर एक घाटी में प्रसिद्ध नैनी झील के चारों ओर स्थित है। प्रकृति के साथ एक खास मुलाकात के लिए यह एक खूबसूरत जगह है।मसूरी, 'पहाड़ों की रानी' बर्फ से ढके हिमालय की चोटियों के साथ एक अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य प्रस्तुत करती है।अल्मोड़ा ,रानीखेत ,कौसानी ,पिथौरागढ का अदभुत प्राकृतिक सौंदर्य सभी प्रकृति प्रेमियों को अभिभूत कर देता है।
Nature of uttrakhand in hindi
उत्तराखंड प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। यह प्रदेश, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और तीर्थ केंद्रों के लिए प्रसिद्ध है। आप को यहां अंतहीन प्राकृतिक सुंदरता के अभूतपूर्व दर्शन होंगे। 'पहाड़ों की रानी' मसूरी,'लेक डिस्ट्रिक्ट' नैनीताल, 'भारत का स्विट्जरलैंड' कौसानी ,देहरादून ,रानीखेत, पिथौरागढ़, और पौड़ी आदि प्रकृति प्रेमियों के लिए प्रकृति का उपहार समान है।
गंगा और यमुना नदी के बीच स्थित देहरादून से हिमालय पर्वतमाला बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है।नैनीताल, समुद्र स्तर से 1938 मीटर ऊंचाई पर एक घाटी में प्रसिद्ध नैनी झील के चारों ओर स्थित है। प्रकृति के साथ एक खास मुलाकात के लिए यह एक खूबसूरत जगह है।मसूरी, 'पहाड़ों की रानी' बर्फ से ढके हिमालय की चोटियों के साथ एक अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य प्रस्तुत करती है।अल्मोड़ा ,रानीखेत ,कौसानी ,पिथौरागढ का अदभुत प्राकृतिक सौंदर्य सभी प्रकृति प्रेमियों को अभिभूत कर देता है।
उत्तराखंड का उत्तरी भाग अधिकांशतः उच्च हिमालय की चोटियों और ग्लेशियरों से आच्छादित है। हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण व पावन नदियों में से दो, गंगोत्री में गंगा और यमुनोत्री में यमुना इसी प्रदेश से आरंभ होती हैं।बंगाल टाइगर जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में भी पाया जाता है जो भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है।फूलों की घाटी, गढ़वाल क्षेत्र में जोशीमठ के पास भ्युन्दर गंगा के ऊपरी विस्तार में स्थित, एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है। यह घाटी इसके फूलों और पौधों की विविधता और दुर्लभता के लिए जानी जाती है।
हिमालय की पारिस्थितिकी तंत्र अनेक पौधों ,दुर्लभ जड़ी बूटियों और भारल, हिम तेंदुए, तेंदुए और बाघों सहित कई जानवरों के लिए निवास स्थान प्रदान करता है।
उत्तराखंड हिमालय रेंज के दक्षिणी ढाल पर स्थित है और यहाँ की जलवायु और वनस्पति ऊंचाई के साथ साथ परिवर्तित भी होती है।यहाँ कम ऊंचाई पर उपोष्णकटिबंधीय जंगल है तो सर्वोच्च ऊंचाई पर ग्लेशियर हैं।
हिमालय की पारिस्थितिकी तंत्र अनेक पौधों ,दुर्लभ जड़ी बूटियों और भारल, हिम तेंदुए, तेंदुए और बाघों सहित कई जानवरों के लिए निवास स्थान प्रदान करता है।
उत्तराखंड हिमालय रेंज के दक्षिणी ढाल पर स्थित है और यहाँ की जलवायु और वनस्पति ऊंचाई के साथ साथ परिवर्तित भी होती है।यहाँ कम ऊंचाई पर उपोष्णकटिबंधीय जंगल है तो सर्वोच्च ऊंचाई पर ग्लेशियर हैं।
इस प्रकार उत्तराखंड, प्राकृतिक सौंदर्य का एक ऐसा स्वर्ग है जो आपको मंत्रमुग्ध कर देगा और आप यहाँ अपने आप को प्रकृति की गोद में पाएंगे।
Essay on uttrakhand ki prkruti.
Nature of uttrakhand in hindi
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Nature of uttrakhand in hindi