Essay on basant ritu in hindi
निबंध बसंत ऋतु
बसंत ऋतु , शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु के बीच आती है । भारतीय पंचांग के अनुसार इसका समय फाल्गुन माह से लेकर वैसाख माह तक होता है । बसंत ऋतु सुंदर और सुखद होने के कारण , इस ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता है। इसका प्रभाव और महत्व अन्य सभी ऋतुओं से अधिक होता है । वन , उपवन , बाग बगीचे , खेत खलिहान हर जगह इस ऋतु का सुहावनापन और रमणीयता देखने को मिलता है । पेड़ पोधों के लिए तो बसंत ऋतु मानो उत्सव की तरह होती है जिसमे सभी वन उपवन मस्ती और आनंद मे झूमते हुये दिखाई देते हैं । इस ऋतु मे तापमान बहुत अनुकूल होता है न अधिक न कम । यही कारण है की सेलनियों के लिए भी बसंत लाभदायक होती है । स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह ऋतु अनुकूल होती है । किसानो के लिए भी बसंत सुख और खुशहली का संदेश लाती है । इस ऋतु मे किसान अपने खेतो मे लहलहाती फसल देख कर आनंद और सफलता का अनुभव करते है । बसंत पंचमी , होली , रामनवमी आदि बसंत ऋतु मे मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं ।
निबंध बसंत ऋतु
बसंत ऋतु , शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु के बीच आती है । भारतीय पंचांग के अनुसार इसका समय फाल्गुन माह से लेकर वैसाख माह तक होता है । बसंत ऋतु सुंदर और सुखद होने के कारण , इस ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता है। इसका प्रभाव और महत्व अन्य सभी ऋतुओं से अधिक होता है । वन , उपवन , बाग बगीचे , खेत खलिहान हर जगह इस ऋतु का सुहावनापन और रमणीयता देखने को मिलता है । पेड़ पोधों के लिए तो बसंत ऋतु मानो उत्सव की तरह होती है जिसमे सभी वन उपवन मस्ती और आनंद मे झूमते हुये दिखाई देते हैं । इस ऋतु मे तापमान बहुत अनुकूल होता है न अधिक न कम । यही कारण है की सेलनियों के लिए भी बसंत लाभदायक होती है । स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह ऋतु अनुकूल होती है । किसानो के लिए भी बसंत सुख और खुशहली का संदेश लाती है । इस ऋतु मे किसान अपने खेतो मे लहलहाती फसल देख कर आनंद और सफलता का अनुभव करते है । बसंत पंचमी , होली , रामनवमी आदि बसंत ऋतु मे मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार हैं ।