Essay on water conservation in hindi .
जल संरक्षण का तात्पर्य उन सभी नीतियों , योजनाओ और कार्यकलापो से है , जिनसे संसार मे पाये जाने वाले स्वच्छ पीने योग्य जल का सही तरह से उपयोग हो और इसे बचाया जा सके , ताकि आगे आने वाले भविष्य मे भी स्वच्छ पेयजल उपलब्ध रहे। जल संरक्षण का उद्देश्य है कि स्वच्छ जल आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उपलब्ध रहे एवं पर्यावरण से हम उतना ही जल अपने उपयोग के लिए ले, जो कि स्वच्छ जल की प्राकृतिक प्रतिस्थापन की दर के अनुसार हो अर्थात जिससे प्राकृतिक जलभंडार को कोई नुकसान न हो। जल के दुरुपयोग को रोकना , जल की गुणवत्ता को सही रखना ,उचित जल- प्रबन्धन आदि जल संरक्षण water conservation or jal sanrakshan की नीतियो और योजनाओ के मुख्य केंद्रबिन्दु है । सामाजिक , औद्योगिक ,घरेलू आदि विभिन्न स्तरों पर जल संरक्षण को अलग अलग तरीको से किया जा सकता है। समाज मे जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का प्रचार प्रसार करके इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है । घरेलू स्तर पर भी अनेक उपाय कर जल को संरक्षित किया जा सकता है। रैन वॉटर हार्वेस्टिंग एक सफल एवं सरल जल संरक्षण की तकनीक है। इसमे वर्षा के जल को एकत्र कर भूमि के अंदर पहुंचाया जाता है। उपयोग न होने पर नल को बंद करना, बगीचे की सिंचाई के लिए स्प्रिंक्लेर सिस्टम का उपयोग, जल रिसाव को रोकना, स्वीमिंग पूल को ढ़क कर रखना आदि ऐसे कई क्रांतिकारी उपाय है जिनसे जल संरक्षण किया जा सकता है । उद्योगो मे जल का सीमित उपयोग, समुद्र जल का उपयोग ,और जल शुद्धिकरण प्लांट आदि का उपयोग जल संरक्षण water conservation or jal sanrakshan मे बहुत कारगर साबित हुआ है । कृषि मे आधुनिक सिंचाई उपकरणो का उपयोग कर जल की खपत को कम किया जा सकता है। इसके अलावा कृषि मे उर्वरक कीटनाशक और रसायनो का सीमित उपयोग कर , जल को प्रदूषित करने से बचाया जा सकता है। "जल ही जीवन है " अर्थात भूमि पर रहने वाले सभी जीवो के लिए जल अत्यंत आवश्यक है ,अतः इस स्वच्छ जल को संरक्षित करना, मानव समाज का परम कर्तव्य है । हम सभी को संकल्प करना चाहिए कि जल को संरक्षित रखने के लिए हम सभी अपने जीवन मे जल के मूल्य को समझे और जल संरक्षण के विभिन्न उपायो का समझदारी से पालन करे।
Essay on water conservation in hindi
जल संरक्षण का तात्पर्य उन सभी नीतियों , योजनाओ और कार्यकलापो से है , जिनसे संसार मे पाये जाने वाले स्वच्छ पीने योग्य जल का सही तरह से उपयोग हो और इसे बचाया जा सके , ताकि आगे आने वाले भविष्य मे भी स्वच्छ पेयजल उपलब्ध रहे। जल संरक्षण का उद्देश्य है कि स्वच्छ जल आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी उपलब्ध रहे एवं पर्यावरण से हम उतना ही जल अपने उपयोग के लिए ले, जो कि स्वच्छ जल की प्राकृतिक प्रतिस्थापन की दर के अनुसार हो अर्थात जिससे प्राकृतिक जलभंडार को कोई नुकसान न हो। जल के दुरुपयोग को रोकना , जल की गुणवत्ता को सही रखना ,उचित जल- प्रबन्धन आदि जल संरक्षण water conservation or jal sanrakshan की नीतियो और योजनाओ के मुख्य केंद्रबिन्दु है । सामाजिक , औद्योगिक ,घरेलू आदि विभिन्न स्तरों पर जल संरक्षण को अलग अलग तरीको से किया जा सकता है। समाज मे जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का प्रचार प्रसार करके इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है । घरेलू स्तर पर भी अनेक उपाय कर जल को संरक्षित किया जा सकता है। रैन वॉटर हार्वेस्टिंग एक सफल एवं सरल जल संरक्षण की तकनीक है। इसमे वर्षा के जल को एकत्र कर भूमि के अंदर पहुंचाया जाता है। उपयोग न होने पर नल को बंद करना, बगीचे की सिंचाई के लिए स्प्रिंक्लेर सिस्टम का उपयोग, जल रिसाव को रोकना, स्वीमिंग पूल को ढ़क कर रखना आदि ऐसे कई क्रांतिकारी उपाय है जिनसे जल संरक्षण किया जा सकता है । उद्योगो मे जल का सीमित उपयोग, समुद्र जल का उपयोग ,और जल शुद्धिकरण प्लांट आदि का उपयोग जल संरक्षण water conservation or jal sanrakshan मे बहुत कारगर साबित हुआ है । कृषि मे आधुनिक सिंचाई उपकरणो का उपयोग कर जल की खपत को कम किया जा सकता है। इसके अलावा कृषि मे उर्वरक कीटनाशक और रसायनो का सीमित उपयोग कर , जल को प्रदूषित करने से बचाया जा सकता है। "जल ही जीवन है " अर्थात भूमि पर रहने वाले सभी जीवो के लिए जल अत्यंत आवश्यक है ,अतः इस स्वच्छ जल को संरक्षित करना, मानव समाज का परम कर्तव्य है । हम सभी को संकल्प करना चाहिए कि जल को संरक्षित रखने के लिए हम सभी अपने जीवन मे जल के मूल्य को समझे और जल संरक्षण के विभिन्न उपायो का समझदारी से पालन करे।
Essay on water conservation in hindi