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Wednesday, November 2, 2016

Essay on dipavali in hindi.

Essay on diwali in hindi.
Essay on dipawali in hindi.
दीवाली निबंध या दीपावली निबंध।
दीवाली या दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहार है | संपूर्ण भारत में दीवाली  बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है। दीवाली हिन्दू पंचांग के कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। दीवाली को प्रकाश का त्यौहार भी कहा जाता है।
भगवान् श्रीराम और सीता के 14 वर्ष के बनवास से वापस अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में यह त्यौहार मनाया जाता है। जैन धर्म के महान प्रवर्तक महावीर स्वामी को भी इसी दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
दीवाली की तैयारियां कई दिनों पहले से की जाती है। लोग अपने घरो और दुकानों आदि की साफ़ सफाई कई दिनों पहले ही कर लेते है। दीवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की पुजा की जाती है। सभी लोग नए वस्त्र धारण करते है। घरो, दुकानों आदि को दीपक और इलेक्ट्रिक लाईटो से रोशन किया जाता है। स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। बच्चे और युवा विभिन्न प्रकार के पटाखों से आतिशबाजी करते हैं। बुजुर्गो से आशीर्वाद लिया जाता है। सभी एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
दीवाली के कुछैक दुष्प्रभाव  भी हैं जैसे पटाखों से कई जगह भयंकर आग लग जाना, जुआ खेलना और वायु प्रदुषण आदि।
सदियों से दीवाली हिन्दुओ का पवित्र और हर्षोल्लास का त्यौहार रहा है ।और इसे अन्धकार पर प्रकाश की विजय का प्रतिक माना जाता है।
Essay on diwali in hindi.
Essay on dipawali in hindi.

Thursday, November 5, 2015

Essay on diwali in hindi.

Essay on diwali in hindi.
दीवाली को 'दीपावली' भी कहते है |दीपावली का अर्थ होता है दीपो की माला या कड़ी |दीवाली प्रकाश का त्यौहार है |यह हिन्दू केलेण्डर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन को मनाई जाती है |दीवाली मे लगभग सभी घर एवं रास्ते दीपक एवं विद्युत प्रकाश से रोशन किए जाते है | 'दीवाली ' का त्योहार मनाने का प्रमुख कारण है कि इस दिन भगवान राम ,अपनी पत्नी सीता और अपने भाई लक्षमण के साथ 14 वर्ष का वनवास बिताकर अयोध्या वापस लौटे थे |उनके स्वागत मे अयोध्या वासियो ने दीप जलाकर प्रकाश उत्सव मनाया था |इसी लिए प्रकाश के उत्सव को दीवाली के रूप मे हर वर्ष मानते है |यह त्योहार अपने साथ बहुत खुशिया एवं उमंग लेकर आता है | दीवाली के एक- दो हफ्ते पूर्व से ही लोग घर,आँगन ,मोहल्ले ,दुकान को सजाना शुरू कर देते है |बाज़ार मे रंग बिरंगे सामान ,कपड़ो,गहनों , बर्तन आदि की ख़रीदारी शुरू हो जाती है |कई प्रकार के पकवान व् मिठाइया बनाई जाती है |बाज़ार मे मिट्टी के दीपो ,खिलौने ,खिल-बताशे और मिठाईओ,पटाखों की दुकानों पर भीड़ होती है |दीवाली Essay on diwali आने पर हर परिवार मे खुशी की लहर दिखाई देती है | दीवाली के दिन सभी हिन्दू महा लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते है |माना जाता है इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करने से घर मे सुख -शांति,संपत्ति और समृद्धि का विकास होता है |संध्या होते ही घर में पूजा शुरू हो जाती है । लोग अपने घरो एवं व्यापारी अपने दुकानों मे बहीखातों की पूजा करते है |संध्या के समय घर आँगन प्रकाश से जगमगा उठते है|सभी नए कपडे पहनते है ,बच्चे फटाके फोड़ते है जिसमे प्रमुख अनार,चकली,फुलझड़ी ,रॉकेट,लड़ आदि होते है |महिलाए भी घर आँगन मे कई आकार की रंगीन रंगोली बनाती है ,साथ ही संध्या होते ही दियो के प्रकाश से सारे घर को सजाती है और खुद भी सजती सवरती है | दीवाली के दूसरे दिन सभी लोग अपने रिश्तेदार ,मित्रो , संबंधियो से मिलकर दीवाली की शुभकामनाए देते है । स्वादिष्ट पकवानो एवं मिठाइयो का लुफ्त उठाते है |इस तरह दीवाली हिंदुओं का प्रमुख  त्योहार हर साल भारत मे खुशी एवं उत्साह से मनाया जाता है |
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