Essay on swyam ke prati satynishth rahen ya apne prati satynisth rahe
स्वयं के प्रति सत्यनिष्ठ रहें विषय पर निबंध:
स्वयं के प्रति सत्यनिष्ठ से अभिप्राय है कि हम अपने मन को झूठ न बोले अर्थात अपने प्रति ईमानदार रहे और सत्य की राह पर चले। अपने अंतर्मन को हमेशा सत्य का मार्ग दिखाएं। क्योंकि वह व्यक्ति जो स्वयं के प्रति सत्यनिष्ठ नहीं है , वह कभी भी जीवन में सच्ची सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। अपने आप से सच बोलकर ही हम चिंतामुक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
अपने प्रति सत्यनिष्ठ होकर ही हम जीवन में सफलता की सीढिया चढ़ सकते हैं। दरअसल स्वयं के प्रति सत्यनिष्ठा ही सफलता की कुंजी है।
भ्रष्टाचार , अपराध ,बेईमानी आदि बुरी आदतें भी अपने प्रति सत्यनिष्ठ न होने का परिणाम हैं। हम दृढ़ संकल्प और लगन के साथ किसी लक्ष्य के प्रति तभी अग्रसर हो सकते हैं जबकि हम स्वयं के प्रति सत्यनिष्ठ हों।
जिस प्रकार सत्य की सदैव विजय होती है ठीक उसी प्रकार सत्य की राह पर चलने वाला व्यक्ति भी सफल होता है।
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Thursday, September 17, 2015
Essay on swayam ke prati satyanishth rahen in hindi
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