Essay on Maulana Abul Kalam Azad a passionate educationist in hindi.
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक महान शिक्षाविद् थे। अबुल कलाम आजाद; 11 November 1888 - 22 फरवरी 1958) एक भारतीय विद्वान और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, वह भारत सरकार में प्रथम शिक्षा मंत्री बने। उन्हें 1992 में मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
भारत में शिक्षा की नींव रखने में अबुल कलाम आजाद का महत्पूर्ण योगदान रहा।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक महान शिक्षाविद् थे। अबुल कलाम आजाद; 11 November 1888 - 22 फरवरी 1958) एक भारतीय विद्वान और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, वह भारत सरकार में प्रथम शिक्षा मंत्री बने। उन्हें 1992 में मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
भारत में शिक्षा की नींव रखने में अबुल कलाम आजाद का महत्पूर्ण योगदान रहा।
मौलाना अबुल कलाम आजाद, स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, प्रति वर्ष 11 नवम्बर को , संपूर्ण भारत में मनाया जाता है।
Essay on Maulana Abul Kalam Azad a passionate educationist in hindi.
भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में, आजाद ने मुफ्त प्राथमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा के आधुनिक संस्थानों के साथ एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की स्थापना की ओर ध्यान दिया।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान iit और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, जोकि देश में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है, की नींव में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का अहम् योगदान था ।
शिक्षामंत्री के तौर पर,उन्होंने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर बल दिया। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में ,उन्होंने वयस्क साक्षरता, सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, 14 साल तक की उम्र के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा , लड़कियों की शिक्षा, और माध्यमिक शिक्षा का विविधीकरण एवम् व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए जोर दिया।
Essay on Maulana Abul Kalam Azad a passionate educationist in hindi.
भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में, आजाद ने मुफ्त प्राथमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा के आधुनिक संस्थानों के साथ एक राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की स्थापना की ओर ध्यान दिया।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान iit और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, जोकि देश में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है, की नींव में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का अहम् योगदान था ।
शिक्षामंत्री के तौर पर,उन्होंने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर बल दिया। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में ,उन्होंने वयस्क साक्षरता, सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा, 14 साल तक की उम्र के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा , लड़कियों की शिक्षा, और माध्यमिक शिक्षा का विविधीकरण एवम् व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए जोर दिया।
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