Sunday, September 10, 2017

Essay on sometimes the heart sees what is invisible to the eye in hindi.


Essay on sometimes the heart sees what is invisible to the eye in hindi.
 कभी-कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँखें नहीं देख पाती : निबंध
H. Jackson Brown, ने ठीक ही कहा है  कि कभी-कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँखें नहीं देख पाती। आँखे केवल प्रतिबिम्ब को दिमाग में प्रस्तुत करती है परन्तु हृदय तो सभी बातों का चिंतन कर ,विचारों की जन्म देता है। कभी कभी हृदय हमें एक सन्देश दे देता है जो शायद आँखों से नहीं दिख पाता।
ह्रदय हमें आगे आने वाले भविष्य का भी आभास करा देता है और हमें अच्छे और बुरे समय में अपनी रणनीति बनाने में मददगार होता है।
Essay on sometimes the heart sees what is invisible to the eye in hindi.
 कभी-कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँखें नहीं देख पाती : निबंध

Saturday, September 9, 2017

Essay on saving rivers india lifeline in hindi.

Essay on saving rivers india lifeline in hindi.
नदियों का बचाव : भारत की जीवन रेखा। एक निबंध।
भारत की नदियां , जीवन दायिनी हैं। नदियां भारत की जीवन रेखा के समान हैं। नदियों से मिलने वाले जल से, खेतों को सिंचाई, लोगो को पीने का पानी और उद्योगों की दैनिक आपूर्ति सुनिश्चित होती है। अतः लगभग सभी पुरातन एवं आधुनिक सभ्यताएं  नदियों के समीप ही विकसित हुईं।
नदियाँ वास्तव में, प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। नदियाँ , अपने साथ बारिस का जल एकत्र कर ,उसे भू-भाग मे पहुंचाने का कार्य करती है। गंगा, सिन्धु, अमेज़न, नील , थेम्स, यंगतिशि आदि विश्व की प्रमुख नदियां है।
नदियों के कई सामाजिक, वैज्ञानिक व्  आर्थिक लाभ है । नदियों से जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक स्वच्छ जल प्राप्त होता है यही कारण है कि अधिकांश प्राचीन सभ्यताएं ,जनजातियाँ नदियों के समीप ही विकसित हुईं। उदाहरण के लिए सिंधु घाटी सभ्यता , सिंधु नदी के पास विकसित होने के प्रमाण मिले है । सम्पूर्ण विश्व के बहुत बड़े भाग मे  , पीने का पानी और  घरेलू उपयोग के लिए पानी , नदियो के द्वारा ही प्राप्त किया जाता है। आर्थिक दृष्टि से भी देखे तो नदियाँ बहुत उपयोगी होती है क्योंकि उद्योगो के लिए आवश्यक जल  नदियों से सरलता से प्राप्त किया जा सकता है । कृषि के लिए , सिंचाई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसके लिए आवश्यक पानी  नदियों द्वारा प्रदान किया जाता है । नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का उत्तम स्त्रोत होती हैं। नदियां न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलू एवं उद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है।  बड़ी नदियों का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है। सैलानिओ के लिए भी नदियों कई  मनोरंजन के साधन जैसे बोटिंग , रिवर रैफ्टिंग आदि उपलब्ध करती है जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है। नदियो से मछली के रूप मे खाद्य पदार्थ भी प्राप्त होते है। नदियों पर बांध बनाकर उनसे हाइड्रो बिजली प्राप्त होती है ।
उद्योगो का दूषित पानी ,बिना साफ़ किये नदियो में बहा दिए जाने से नदियां प्रदूषित हो रही है। बाँध बना कर अत्यधिक दोहन भी नदियो के लिए विनाशकारी है। वनो की अन्धादुन्ध कटाई, नदी के कटाव और क्षरण के लिए दोषी है।
नदियां हमारी सदैव मित्र रही है और हमे उनसे अनेक महत्वपूर्ण लाभ होते है । हमारा कर्तव्य है कि उनका अति दोहन न करे एवं उन्हे प्रदूषित होने से बचाये।
Essay on saving rivers india lifeline in hindi.

Friday, September 1, 2017

Essay Small steps of fuel conservation can make a big change.ईधन संरक्षण की दिशा में छोटे – छोटे कदम बड़ा पररवर्तन ला सकते हैं

Essay on Small steps of fuel conservation can make a big change.
ईधन संरक्षण की दिशा में छोटे – छोटे कदम बड़ा पररवर्तन ला सकते हैं
refer essay on fuel conservation on this blog.

Essay on Jeevan Ka Lakshya in hindi

Essay on Jeevan Ka Lakshya in hindi.
जीवन का लक्ष्य निबन्ध:
जीवन प्रकृति की एक अनमोल देन है। जीवन को सफल और सुन्दर बनाने के लिए आवश्यक है कि जीवन का एक लक्ष्य हो। सभी को जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए।
मेरे जीवन का लक्ष्य इंजीनयर बनना है। मेरा बचपन से ही बड़ी बड़ी इमारतों, ब्रिज, बाँध व् सड़कों के निर्माण सम्बन्धी कार्य करने का सपना रहा है। अतः मैं सिविल इंजीनयर की डिग्री हासिल कर, निर्माण संबंधी कार्य करना चाहता हूँ।
हमारा देश भारत एक विकासशील देश है जिसे अभी प्रगति की और ऊंचाइयों को छूना है। देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में सिविल अभियंता की अहम् भूमिका होती है। मैं भी चाहता हूँ कि देश के नवनिर्माण और विकास में अपना योगदान दे सकूँ।
जीवन के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए परिश्रम और लगन से अपनी शिक्षा में अग्रसर हूँ। और मुझे पूरा विश्वास है कि उचित मार्गदर्शन और कठिन परिश्रम से मैं अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर लूंगा।
Essay on Jeevan Ka Lakshya in hindi.

Saturday, August 26, 2017

जीवन का सच

जीवन का सच
truth of life in hindi
इस प्रश्न का प्रत्यक्ष और सीधा उत्तर प्राप्त करना लगभग असंभव है। पृथ्वी जो कि ब्रह्मांड का एक अत्यंत सूक्ष्म हिस्सा है, उस में जीवन का होना एक पहेली जैसा है। जीवन कैसे उत्पन्न हुआ और एक जीवित कोशिका से वर्तमान मनुष्य का रूप कैसे आया , इसका सटीक उत्तर नही पाया जा सकता, केवल सम्भावनाये और अवधारणाये ही लगाई जा सकती हैं कि ऐसा कुछ हुआ होगा।
शायद जीवन की उत्पत्ति में ही जीवन के सच को समझा जा सके कि जीवन की उत्पत्ति हुई क्यों और कैसे? क्या होता अगर जीवन न होता धरती पर तो? सब कुछ होता ब्रह्माण्ड में, दिन रात सर्दी गर्मी ,लेकिन उसे कोई देखने वाला, महसूस करने वाला इस दुनिया में न होता। एक अनंत अकेलापन होता।
जीवन की प्रवत्ति आगे बढ़ने वाली अर्थात विकासशील होती है। एक कोशिका से एक इंसान तक का सफ़र एक विकास ही है। मनुष्य जीवन की अगर बात की जाए तो, खुश होना, आनंद का अनुभव करना ही आगे बढ़ना है।
दुःख इंसान को नष्ट करता है और ख़ुशी इंसान को स्वस्थ रखती है आगे विकसित करती है।
यह जरुरी नहीं कि ख़ुशी रुपये पैसे से ही आये, ख़ुशी बिना धन के भी प्राप्त की जा सकती है। एक बड़ी खुशी से बेहतर हैं कई छोटी छोटी खुशियाँ।
जीवन को जीना और खुश रहना ही जीवन का मूल उद्देश् है।दरअसल जीवित रहना ही प्राणियों के जीवन का सच है। प्राणी चाहे वह जानवर हो या इंसान या फिर कोई पेड़पोधा ,जीवन को जीना ही जीवन की सच्चाई है। एक पौधा, एक बेल ,क्यों हमेशा सूरज की रोशनी की दिशा में फलते फूलते हैं?
क्यों नदियों के आसपास बड़ी बड़ी सभ्यताएं पनपती हैं? क्योंकि सभी का मूल उद्देश्य जीवन को बनाये रखना है।
वर्तमान आधुनिक मानवीय युग की बात की जाए तो जीवन के मूल उदेशय के बारे में हम गहराई से नहीं सोच रहे। हम ऐशोआराम भौतिक वस्तुओं की ओर दौड़ रहे हैं। हम सभी एक भौतिक दुनिया में कैद हो गए है जहाँ अगर इलेक्ट्रिसिटी , इंटरनेट, टेलीविजन , नहीं हो तो हम शायद जीवन को जीने की सोच ही न पाएं।
ऐसा नहीं है कि हम सभी जंगल में चले जाएँ या फिर पहाड़ो पर रहने लगे। परन्तु हमें जीवन की सच्चाई , उसके मूल उदेशय पर भी विचार करना होगा।
वातावरण, जलवायु सभी एक लंबे अंतराल के बाद बदलते रहते है। जीवन भी उसी प्रकार अपने स्वरूप बदलता रहता है लेकिन यह बदलाव कई सेकड़ो सालों में आते हैं। मानव सभ्यता को भी इस बदलाव के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए , न की इस से दूर जाना चाहिए।
जीवन में खुश रहिये और अपने आसपास के जीवन को समझिये।
जीवन का सच
truth of life in hindi.

Friday, July 21, 2017

Essay on ramnath kovind in hindi

Essay on ramnath kovind in hindi
हिन्दी निबंध रामनाथ कोविंद
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं जिन्होंने जुलाई 2017 में पद ग्रहण किया।
उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहट जिले के पारौख गांव में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था।
उनके पिताजी मिकुलल भूमिहीन कोरी परिवार से थे, जो अपने परिवार का पालन करने के लिए एक छोटी सी दुकान चलाते थे। रामनाथ जी पांच भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटे थे।  वो जब 5 वर्ष के बालक थे तभी उनकी माता का निधन हो गया।
श्री रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) ने 30 मई 1974 को सविता कोविंद से शादी की। वह एक बेटा और एक बेटी, के पिता हैं।
अपनी प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा के बाद,जूनियर स्कूल में पढ़ने हेतु उन्हें छह किलोमीटर दूर, खानपुर गांव जाना होता था। उन्होंने वाणिज्य में स्नातक की डिग्री और डीएवी कॉलेज से एलएलबी (कानपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध) की उच्च शिक्षा प्राप्त की।
रामनाथ कोविंद (ramnath kovind)  दिल्ली उच्च न्यायालय में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील थे और 1980 से 1993 तक  सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में कार्यरत थे।
अपने राजनितिक जीवनकाल में रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। वे 1994 से 2006 तक राज्यसभा के एक संसद सदस्य रहे। उन्होंने 2015 से 2017 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।।  श्री रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) को 2017 में सत्तारूढ़ दल द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया और मीरा कुमार के खिलाफ  उन्होंने भारत के राष्ट्रपति का चुनाव जीता।
हिन्दी निबंध रामनाथ कोविंद
Essay on ramnath kovind in hindi

Monday, July 17, 2017

Essay on As I see a Green Assam and Pollution free Assam

Essay on As I see a Green Assam and Pollution free Assam
असम एक प्रकृति की गोद में विराजमान ,सुंदर प्रदेश है। असम को हमें हरित और प्रदूषण मुक्त बनाने में योगदान देना होगा। ब्रह्मपुत्र नदी असम की हरित प्रकृति और सम्पन्नता में चार चाँद लगा देती है।
Essay on As I see a Green Assam and Pollution free Assam in hindi

Sunday, July 9, 2017

Essay on jeevan me shahitya ka mahatav in hindi.

Essay on jeevan me shahitya ka mahatav in hindi.
जीवन में साहित्य का वही महत्त्व है जो सुन्दर पुष्प का बाग़ में होता है। जिस प्रकार फूल अपनी खुशबु से बाग़ को सुगन्धित कर देता है, उसी प्रकार साहित्य भी जीवन को ज्ञान से प्रकाशित करता है।
साहित्य भी कई प्रकार के होते है जैसे कविता, कहानी ,निबंध आदि।  मनुष्य साहित्य के माध्यम से सार्थक ज्ञान की प्राप्ति कर सकता है। इसके साथ ही साहित्य जीवन की नीरसता को भी दूर करता है। एकांत में साहित्य में अध्यन का आनंद ही कुछ और होता है। साहित्य सदियों से मनोरंजन का एक ज्ञानवर्धक साधन रहा है।
Essay on jeevan me shahitya ka mahatav in hindi.

Wednesday, November 9, 2016

Essay on Donald trump in hindi

Essay on Donald trump in hindi
डोनाल्ड ट्रम्प पर निबंध
डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 2016 में निर्वाचित राष्ट्र पति हैं। उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़ा और हिलेरी क्लिंटन को हराया। डोनाल्ड ट्रम्प एक रियल स्टेट बिजनेस मेन रहे है।
Essay on Donald trump in hindi

Sunday, November 6, 2016

Essay on nadiyon ke labh in hindi

Essay on nadiyon ke labh in hindi
essay on benefits of river in hindi
निबंध नदियों से होने वाले लाभ :
नदियाँ सदैव ही जीवन दायिनी रही है । नदियाँ , प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। नदियाँ , अपने साथ बारिस का जल एकत्र कर ,उसे भू-भाग मे पहुंचाने का कार्य करती है। गंगा, सिन्धु, अमेज़न, नील , थेम्स, यंगतिशि आदि विश्व की प्रमुख नदियां है।
नदियों के कई सामाजिक, वैज्ञानिक व्  आर्थिक लाभ है । नदियों से जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक स्वच्छ जल प्राप्त होता है यही कारण है कि अधिकांश प्राचीन सभ्यताएं ,जनजातियाँ नदियों के समीप ही विकसित हुईं। उदाहरण के लिए सिंधु घाटी सभ्यता , सिंधु नदी के पास विकसित होने के प्रमाण मिले है । सम्पूर्ण विश्व के बहुत बड़े भाग मे  , पीने का पानी और  घरेलू उपयोग के लिए पानी , नदियो के द्वारा ही प्राप्त किया जाता है। आर्थिक दृष्टि से भी देखे तो नदियाँ बहुत उपयोगी होती है क्योंकि उद्योगो के लिए आवश्यक जल  नदियों से सरलता से प्राप्त किया जा सकता है । कृषि के लिए , सिंचाई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसके लिए आवश्यक पानी  नदियों द्वारा प्रदान किया जाता है । नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का उत्तम स्त्रोत होती हैं। नदियां न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलू एवं उद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है।  बड़ी नदियों का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है। सैलानिओ के लिए भी नदियों कई  मनोरंजन के साधन जैसे बोटिंग , रिवर रैफ्टिंग आदि उपलब्ध करती है जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है। नदियो से मछली के रूप मे खाद्य पदार्थ भी प्राप्त होते है। नदियों पर बांध बनाकर उनसे हाइड्रो बिजली प्राप्त होती है ।
नदियां हमारी सदैव मित्र रही है और हमे उनसे अनेक महत्वपूर्ण लाभ होते है । हमारा कर्तव्य है कि उनका अति दोहन न करे एवं उन्हे प्रदूषित होने से बचाये। Its also used in eassy on learning from nature. ssy on nadiyon ke labh in hindi,saving rivers india lifeline 
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Saturday, November 5, 2016

Essay on vidyarthi aur anushasan in hindi.

Essay on vidyarthi aur anushasan in hindi.
Essay on vidyarthi jivan aur anushasan in hindi.
विद्यार्थी और अनुशासन पर हिंदी में निबंध।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्त्व है। नियमों का पालन कर , नियमबद्ध जीवन व्यतीत करना ही , अनुशासन है। अनुशासन , सफलता की कुंजी है। जीवन के प्रत्येक भाग में अनुशासन का महत्त्व होता है परन्तु विद्यार्थी जीवन में इसका एक विशेष महत्त्व होता है, क्योंकि विद्यार्थी काल ही सम्पूर्ण जीवन की नींव होती है। अगर   जीवन की शुरुआत ठीक रहेगी तो आगे का जीवन भी सफल रहेगा। जीवन के उद्देश्य का पथ, विद्द्यार्थी काल में ही तय हो जाता है। विद्यार्थी  देश का भविष्य होता है।
जीवन में अनुशासन विद्यार्थी का परम कर्तव्य होना चाहिये। अनुशासित दिनचर्या प्रत्येक विद्यार्थी को अपनानी चाहिए। प्रातःकाल ज़ल्दी सोकर उठना, सैर करना, नियमित विद्यालय जाना, नियमित स्वाध्ययन करना, समय पर भोजन करना, उपयुक्त खेलकूद , बड़े बुजुर्गों व् गुरुओं को प्रणाम आदि कार्य, एक अनुशासित विद्यार्थी को करने चाहिए।
अनुशासन का मूलमन्त्र विद्यार्थी को सफलता और श्रेष्ठता की ओर ले जाता है। अनुशासन ही वह कुंजी है जिससे विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
महात्मा गांधी , स्वामी विवेकानन्द, मदर टेरेशा सभी ने अनुशासन को महत्वपूर्ण बताया और जीवन के लक्ष्य को हासिल किया।
विद्यार्थी जीवन  में सफलता प्राप्त करने  के लिए कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है, जिसे अनुशासन की सहायता से ही प्राप्त किया जा सकता है।
जीवन में अगर अनुशासन न हो तो वह हमें आलस्य और असफलता की ओर ले जाता है। ज्ञान अर्जन और एकाग्रता  में लिए , विद्यार्थी जीवन में अनुशासन आवश्यक है। इस प्रकार अनुशासन , विद्यार्थी जीवन का आभूषण और सफलता की कुंजी है।
Essay on vidyarthi aur anushasan in hindi.
Essay on vidyarthi jivan aur anushasan in hindi.

Friday, November 4, 2016

Essay on Guru Nanak dev in hindi

Essay on Guru Nanak dev in hindi
गुरु नानक देव पर निबंध:
गुरु नानक देव एक महान संत थे, जिन्होने सिक्ख धर्म की स्थापना की थी। उन्होंने जीवन भर ज्ञान का प्रकाश फैलाया और अज्ञानता के अंधेरे को दूर किया। वे कहते थे कि ईश्वर एक है और सभी स्त्रीपुरुष उसकी सन्तान हैं। गुरु नानक देव ने अंधविश्वास, जातिवाद, मूर्तिपूजा का विरोध किया।
गुरु नानक देव का जन्म 1469 ई में पंजाब के तलवंडी गाँव में हुआ था। उनका जन्मस्थान ननकाना साहब सिखों का एक पवित्र स्थल है। नानक बचपन से ही एकान्त प्रिय और ईश्वर प्रेमी थे।नानक के उपदेशों और उनके ज्ञान से प्रभावित होकर लोगों ने उन्हें गुरू और देव की उपाधि दे दी और वह गुरु नानक देव कहलाये।
गुरु नानक देव ने गुरु ग्रन्थ साहब की रचना की ,जिसमे उनके दिए उपदेश मिलते है। गुरु ग्रन्थ साहब , सिखों का महान पवित्र ग्रन्थ है।
गुरु नानक देव ने सरल जीवन एवम् मन की पवित्रता पर बल दिया।
Essay on Guru Nanak dev in hindi

Essay on unemployment in hindi

Essay on unemployment in hindi
Essay on berojgari in hindi
बेरोजगारी वह स्थिति है, जब कार्य करने मे सक्षम , कुशल एवं इच्छुक व्यक्ति के लिए कोई कार्य उपलब्ध न हो। और ऐसे व्यक्ति को बेरोजगार की संज्ञा दी जाती है। बेरोजगारी तब उत्पन्न होती है जब श्रम की मांग तो कम हो, लेकिन उसे करने वाले अधिक संख्या मे हो। बेरोजगारी के भी कई प्रकार होते है जैसे संरचनात्मक बेरोजगारी , अल्प बेरोजगारी , मौसमी बेरोजगारी आदि । संरचनात्मक बेरोजगारी किसी देश की अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण उत्पन्न होती है। अल्प बेरोजगारी अर्थात किसी श्रमिक के पास काम तो है, लेकिन पूरे समय के लिए नहीं। मौसमी बेरोजगारी अर्थातकिसी विशेष मौसम मे काम उपलब्ध न हो । उदाहरण के लिए कृषि मे श्रमिकों द्वारा  कटाई केवल कुछ महीनो मे ही होती है।
बेरोजगारी कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा कई प्रयास भी किए जाते है । नरेगा या रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत सभी मजदूरो को उनके ही गाँव मे 100 दिन का रोजगार सरकार द्वारा दिया जा रहा है। लोगो को शिक्षित कर एवं उन्हे विशेष व्यावसायिक ज्ञान जैसे प्लांबर , कारपेंटर , वेल्डर आदि की कुशल ट्रेनिग देकर भी बेरोजगारी कम की जा रही है। लघु एवं कुटीर उद्योग के लिए आसान कर्ज देकर भी बेरोजगारी को कम करने का प्रयत्न किया जा रहा है। स्टार्ट उप इंडिया जैसे अभियान से रोजगार शुरू किये जा रहे हैं।
Essay on unemployment in hindi
Essay on berojgari in hindi

Thursday, November 3, 2016

Essay on vigyan vardan ya abhishaap in hindi

Essay on vigyan vardan ya abhishaap in hindi
विज्ञान : वरदान या अभिशाप
मानव समाज के विकास के साथ साथ शिक्षा मे विज्ञान का भी विकास हुआ | विज्ञान का उपयोग मनुष्य समाज ने अपने सांसारिक जीवन मे कई रूप में किया हैं|
विज्ञान एक वरदान  के रूप में :
जीवन के सभी पहलुओ मे विज्ञान के अनगिनत लाभ हैं|परिवहन, चिकित्सा, संचार, अंतरिक्ष, शिक्षा , उद्योग आदि ऐसे अनेक क्षेत्र मे विज्ञान का अभूतपूर्व योगदान रहा हैं|आज विज्ञान के कारण ही,चिकित्सा के क्षेत्र मे कैंसर, हृदय रोग, मलेरिया आदि जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार संभव हो पाया हैं| पोलियो ,खसरा, चेचक जैसी कई बीमारियों का टीकाकरण से रोकधाम विज्ञान द्वारा ही संभव हो पाया हैं|साईकल, रेल, कार, हवाईजहाज आदि के आविष्कार से ही आज दुनिया के किसी भी कोने मे  पहुँचना संभव हो पाया हैं|वर्तमान मे विज्ञान की सहयता से न केवल चंद्रमा अपितु मंगल  गृह पर भी मनुष्य द्वरा निर्मित यान पहुँच चुका हैं| दूरसंचार के क्षेत्र मे विज्ञान के आविष्कार जैसे टेलीफ़ोन, मोबाइलफोन ,इंटरनेट, वाय फाय इत्यादि की सहायता से विश्व मे किसी भी भाग मे रहने वाले व्यक्ति से बात की जा सकती हैं|
न्यूक्लियर पावर , बिजली, टेलिविजन, कम्प्युटर, सिनेमा, शिक्षा ,मनोरंजन आदि अनेक क्षेत्र हैं जहा मनुष्य
समाज को विज्ञान ने अनेक लाभ प्रदान किए है|
विज्ञान एक अभिशाप  के रूप में   :  विज्ञान के जहाँ अनेक लाभ है,वहा कुछ दुष्प्रभाव भी हैं, जो हमारी जीवन  शैली के लिए अभिशाप साबित हो रहे हैं| आज विज्ञान ने मनुष्य के हाथो मे अनेक शक्तिशाली एवं घातक  हथियार थमा दिये हैं, जिनमें सम्पूर्ण विश्व का विनाश करने की ताकत हैं| प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के काल में विज्ञान के दिये हुए हथियारो एवं मिसाईलो का प्रयोग विज्ञान के बुरे प्रभावों का एक उदाहरण हैं|जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल ,डीज़ल के अत्यधिक उपयोग से वायुमंडल मे ग्रीन हाउस गैसो की वृद्धि हो रही हैं जिससे सम्पूर्ण विश्व का तापमान धीरे धीरे बढ़ता जा रहा हैं|
विज्ञान का विकास हमेशा ही मानव समाज को विकसित करने और मनुष्य को लाभ देने के लिए किया जाता रहा हैं|विज्ञान एक ऐसी देन हैं जिसका उपयोग वरदान के रूप मे करना हैं या अभिशाप के रूप मे यह बात केवल मनुष्य-समाज पर निर्भर हैं | यह हम सभी का परम कर्तव्य हैं की विज्ञान का उपयोग हम सावधानी और समझदारी से समाज के हित के लिए करे|                       
Essay on science in hindi.                             
Essay on vigyan vardan ya abhishaap in hindi

Wednesday, November 2, 2016

Essay on Empowerment of the Scheduled Cast Community:- Contribution of Babu Jagjivan Ram in hindi

Essay on Empowerment of the Scheduled Cast Community:- Contribution of Babu Jagjivan Ram in hindi
अनुसूचित जाति समुदाय का सशक्तिकरण: - बाबू जगजीवन राम का योगदान पर एक निबंध:
जगजीवन राम लोकप्रिय नाम के रूप में बाबूजी, एक राष्ट्रीय नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय की योद्धा, दलित वर्गों के प्रबुद्ध नेता, एक उत्कृष्ट सांसद, एक सच्चे डेमोक्रेट, एक प्रतिष्ठित केंद्रीय मंत्री, एक कुशल प्रशासक और भारत में एक असाधारण व्  प्रतिभाशाली वक्ता थे।
बाबू जगजीवन राम के जीवन से सामाजिक समानता के सन्दर्भ में एक विशेष प्रेरणा ली जा सकती है। सामाजिक समानता के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किये।अनुसूचित जाति समुदाय के सशक्तिकरण के लिए बाबू जगजीवन राम कई महत्वपूर्ण कदम उठाये ।
Essay on Empowerment of the Scheduled Cast Community:- Contribution of Babu Jagjivan Ram in hindi

Essay on What Social Equality means to you:- Lessons from the life of Babu Jagjivan Ram in hindi

Essay on What Social Equality means to you:- Lessons from the life of Babu Jagjivan Ram in hindi
सामाजिक समानता का अर्थ : बाबू जगजीवन राम के जीवन से सबक।
जगजीवन राम लोकप्रिय नाम के रूप में बाबूजी, एक राष्ट्रीय नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय की योद्धा, दलित वर्गों के प्रबुद्ध नेता, एक उत्कृष्ट सांसद, एक सच्चे डेमोक्रेट, एक प्रतिष्ठित केंद्रीय मंत्री, एक कुशल प्रशासक और भारत में एक असाधारण व्  प्रतिभाशाली वक्ता थे।
बाबू जगजीवन राम के जीवन से सामाजिक समानता के सन्दर्भ में एक विशेष प्रेरणा ली जा सकती है। सामाजिक समानता के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किये।
Essay on What Social Equality means to you:- Lessons from the life of Babu Jagjivan Ram in hindi

Essay on dipavali in hindi.

Essay on diwali in hindi.
Essay on dipawali in hindi.
दीवाली निबंध या दीपावली निबंध।
दीवाली या दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहार है | संपूर्ण भारत में दीवाली  बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है। दीवाली हिन्दू पंचांग के कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। दीवाली को प्रकाश का त्यौहार भी कहा जाता है।
भगवान् श्रीराम और सीता के 14 वर्ष के बनवास से वापस अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में यह त्यौहार मनाया जाता है। जैन धर्म के महान प्रवर्तक महावीर स्वामी को भी इसी दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
दीवाली की तैयारियां कई दिनों पहले से की जाती है। लोग अपने घरो और दुकानों आदि की साफ़ सफाई कई दिनों पहले ही कर लेते है। दीवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की पुजा की जाती है। सभी लोग नए वस्त्र धारण करते है। घरो, दुकानों आदि को दीपक और इलेक्ट्रिक लाईटो से रोशन किया जाता है। स्वादिष्ट पकवान और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। बच्चे और युवा विभिन्न प्रकार के पटाखों से आतिशबाजी करते हैं। बुजुर्गो से आशीर्वाद लिया जाता है। सभी एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
दीवाली के कुछैक दुष्प्रभाव  भी हैं जैसे पटाखों से कई जगह भयंकर आग लग जाना, जुआ खेलना और वायु प्रदुषण आदि।
सदियों से दीवाली हिन्दुओ का पवित्र और हर्षोल्लास का त्यौहार रहा है ।और इसे अन्धकार पर प्रकाश की विजय का प्रतिक माना जाता है।
Essay on diwali in hindi.
Essay on dipawali in hindi.

Tuesday, June 28, 2016

Essay on varsha ritu in hindi or Eassy on rainy season in hindi.

Essay on varsha ritu in hindi or Eassy on rainy season in hindi.
वर्षा ऋतु पर निबंध।
वर्षा ऋतु मतलब वह ऋतु जिसमे धरती पर बारिश होती है। ग्रीष्म ऋतु की तपन के बाद वर्षा ऋतु आती है। भारत में यह ऋतु, मानसून नाम से भी पहचानी जाती है।  वर्षा ऋतू मुख्य रूप से जुलाई, अगस्त और सितम्बर के महीनो में होती है। इस ऋतु में , मौसम बहुत सुहावना हो जाता है। चारो ओर बादल छा जाते है। सूरज बादलों के पीछे छुपता और निकलता रहता है। धरती पर जल की बूंदों से पेड़ पोधे हरेभरे हो जाते है। जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक जल की पूर्ति से सभी प्राणी आनंदित हो जाते है। नदी तालाब कुँए नहरे सभी पानी से भर जाती है। किसानो के लिए तो वर्षा ऋतु प्रकृति का उपहार के समान होती है जो फसलों को हराभरा कर देती है।
परन्तु अधिक बारिश के कारण कई जगह  बाढ़ आ जाती है। इस ऋतु में धरती पर बिजली भी अधिक गिरती है।
वर्षा ऋतु में सभी को वाहन सावधानी से चलाना चाहिए। वर्षा ऋतु , प्रकृति का एक इस उपहार है जिससे गर्मी से राहत और उपयोगी जल मिलता है। इस प्रकार वर्षा ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है।
Essay on varsha ritu in hindi or Eassy on rainy season in hindi.

Sunday, June 26, 2016

Essay on Contribution of Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay (Chatterjee) in the cultural revival of Bengal in hindi

Essay on Contribution of Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay (Chatterjee) in the cultural
revival of Bengal in hindi
बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय या बंकिमचंद्र चटर्जी का जन्म 26 जून 1838 को उत्तरी 24 परगना के पास नैहाटी बंगाल में हुआ था। वे एक लोकप्रिय बंगाली लेखक, कवि और पत्रकार थे।
वे भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचियेता थे ,जो उनके आनन्दमठ से लिया गया। उन्होंने बंगाली भाषा में तेरह उपन्यास और कई गंभीर व् हास्य व्यंग्य ,वैज्ञानिक आदि विषयों पर लेखन किया। उनकी शिक्षा हुगली मोहसिन कॉलेज और प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता में हुई। वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के पहले स्नातकों में से एक थे।    1858 से 1891के दौरान अपनी सेवानिवृत्ति तक, वह ब्रिटिश भारत सरकार में डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्यरत रहे। कपालकुंडला, मृणालिनी,चन्दशेखर ,देवी चौधरानी और आनंदमठ आदि उनके द्वारा रचे प्रसिद्ध उपन्यास है।चट्टोपाध्याय बंगाल के साहित्यिक पुनर्जागरण के लिए भारत में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माने जाते है।बंकिमचंद्र चटर्जी का सबसे बड़ा योगदान यह था, कि उन्होंने बंगाल एवम् भारत के साहित्यिक पुनर्जागरण के लिए एक अहम् भूमिका निभाई।भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचियेता भी यही थे , यह गीत उनकी रचना आनन्दमठ से लिया गया। उपन्यास, निबंध और टिप्पणियों सहित उनकी लेखन रचनाये, पारंपरिक भारतीय लेखन से बिलकुल अलग थी और सम्पूर्ण भारत में उन्होंने लेखकों के लिए एक प्रेरणा प्रदान की। गीता पर चट्टोपाध्याय का लेखन उनकी मृत्यु के आठ साल बाद प्रकाशित किया गया था ।इस काम के माध्यम से,उन्होंने हिन्दुओ को जो तेजी से पश्चिमी विचारों से प्रभावित हो रहे थे ,उन्हें आश्वस्त करने का प्रयास किया
Essay on Contribution of Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay (Chatterjee) in the cultural
revival of Bengal in hindi

Essay on According to me, the greatest contribution of Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay(Chatterjee) was…

Essay on According to me, the greatest contribution of Sh. Bankim Chandra Chattopadhyay
(Chatterjee) was…
मेरे अनुसार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय या बंकिमचंद्र चटर्जी का सबसे बड़ा योगदान यह था, कि उन्होंने बंगाल एवम् भारत के साहित्यिक पुनर्जागरण के लिए एक अहम् भूमिका निभाई।भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचियेता भी यही थे , यह गीत उनकी रचना आनन्दमठ से लिया गया। उपन्यास, निबंध और टिप्पणियों सहित उनकी लेखन रचनाये, पारंपरिक भारतीय लेखन से बिलकुल अलग थी और सम्पूर्ण भारत में उन्होंने लेखकों के लिए एक प्रेरणा प्रदान की। गीता पर चट्टोपाध्याय का लेखन उनकी मृत्यु के आठ साल बाद प्रकाशित किया गया था ।इस काम के माध्यम से,उन्होंने हिन्दुओ को जो तेजी से पश्चिमी विचारों से प्रभावित हो रहे थे ,उन्हें आश्वस्त करने का प्रयास किया।मृणालिनी,चन्दशेखर ,देवी चौधरानी और आनंदमठ आदि उनके द्वारा रचे प्रसिद्ध उपन्यास है।इस प्रकार बंकिम चट्टोपाध्याय बंगाल के साहित्यिक पुनर्जागरण के लिए भारत में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माने जाते है
55 वर्ष की आयु में 8 अप्रैल 1894 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का स्वर्गवास हो गया।
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