Sunday, September 10, 2017

Essay on sometimes the heart sees what is invisible to the eye in hindi.


Essay on sometimes the heart sees what is invisible to the eye in hindi.
 कभी-कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँखें नहीं देख पाती : निबंध
H. Jackson Brown, ने ठीक ही कहा है  कि कभी-कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँखें नहीं देख पाती। आँखे केवल प्रतिबिम्ब को दिमाग में प्रस्तुत करती है परन्तु हृदय तो सभी बातों का चिंतन कर ,विचारों की जन्म देता है। कभी कभी हृदय हमें एक सन्देश दे देता है जो शायद आँखों से नहीं दिख पाता।
ह्रदय हमें आगे आने वाले भविष्य का भी आभास करा देता है और हमें अच्छे और बुरे समय में अपनी रणनीति बनाने में मददगार होता है।
Essay on sometimes the heart sees what is invisible to the eye in hindi.
 कभी-कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँखें नहीं देख पाती : निबंध

Saturday, September 9, 2017

Essay on saving rivers india lifeline in hindi.

Essay on saving rivers india lifeline in hindi.
नदियों का बचाव : भारत की जीवन रेखा। एक निबंध।
भारत की नदियां , जीवन दायिनी हैं। नदियां भारत की जीवन रेखा के समान हैं। नदियों से मिलने वाले जल से, खेतों को सिंचाई, लोगो को पीने का पानी और उद्योगों की दैनिक आपूर्ति सुनिश्चित होती है। अतः लगभग सभी पुरातन एवं आधुनिक सभ्यताएं  नदियों के समीप ही विकसित हुईं।
नदियाँ वास्तव में, प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। नदियाँ , अपने साथ बारिस का जल एकत्र कर ,उसे भू-भाग मे पहुंचाने का कार्य करती है। गंगा, सिन्धु, अमेज़न, नील , थेम्स, यंगतिशि आदि विश्व की प्रमुख नदियां है।
नदियों के कई सामाजिक, वैज्ञानिक व्  आर्थिक लाभ है । नदियों से जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक स्वच्छ जल प्राप्त होता है यही कारण है कि अधिकांश प्राचीन सभ्यताएं ,जनजातियाँ नदियों के समीप ही विकसित हुईं। उदाहरण के लिए सिंधु घाटी सभ्यता , सिंधु नदी के पास विकसित होने के प्रमाण मिले है । सम्पूर्ण विश्व के बहुत बड़े भाग मे  , पीने का पानी और  घरेलू उपयोग के लिए पानी , नदियो के द्वारा ही प्राप्त किया जाता है। आर्थिक दृष्टि से भी देखे तो नदियाँ बहुत उपयोगी होती है क्योंकि उद्योगो के लिए आवश्यक जल  नदियों से सरलता से प्राप्त किया जा सकता है । कृषि के लिए , सिंचाई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसके लिए आवश्यक पानी  नदियों द्वारा प्रदान किया जाता है । नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का उत्तम स्त्रोत होती हैं। नदियां न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलू एवं उद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है।  बड़ी नदियों का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है। सैलानिओ के लिए भी नदियों कई  मनोरंजन के साधन जैसे बोटिंग , रिवर रैफ्टिंग आदि उपलब्ध करती है जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है। नदियो से मछली के रूप मे खाद्य पदार्थ भी प्राप्त होते है। नदियों पर बांध बनाकर उनसे हाइड्रो बिजली प्राप्त होती है ।
उद्योगो का दूषित पानी ,बिना साफ़ किये नदियो में बहा दिए जाने से नदियां प्रदूषित हो रही है। बाँध बना कर अत्यधिक दोहन भी नदियो के लिए विनाशकारी है। वनो की अन्धादुन्ध कटाई, नदी के कटाव और क्षरण के लिए दोषी है।
नदियां हमारी सदैव मित्र रही है और हमे उनसे अनेक महत्वपूर्ण लाभ होते है । हमारा कर्तव्य है कि उनका अति दोहन न करे एवं उन्हे प्रदूषित होने से बचाये।
Essay on saving rivers india lifeline in hindi.

Friday, September 1, 2017

Essay Small steps of fuel conservation can make a big change.ईधन संरक्षण की दिशा में छोटे – छोटे कदम बड़ा पररवर्तन ला सकते हैं

Essay on Small steps of fuel conservation can make a big change.
ईधन संरक्षण की दिशा में छोटे – छोटे कदम बड़ा पररवर्तन ला सकते हैं
refer essay on fuel conservation on this blog.

Essay on Jeevan Ka Lakshya in hindi

Essay on Jeevan Ka Lakshya in hindi.
जीवन का लक्ष्य निबन्ध:
जीवन प्रकृति की एक अनमोल देन है। जीवन को सफल और सुन्दर बनाने के लिए आवश्यक है कि जीवन का एक लक्ष्य हो। सभी को जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए।
मेरे जीवन का लक्ष्य इंजीनयर बनना है। मेरा बचपन से ही बड़ी बड़ी इमारतों, ब्रिज, बाँध व् सड़कों के निर्माण सम्बन्धी कार्य करने का सपना रहा है। अतः मैं सिविल इंजीनयर की डिग्री हासिल कर, निर्माण संबंधी कार्य करना चाहता हूँ।
हमारा देश भारत एक विकासशील देश है जिसे अभी प्रगति की और ऊंचाइयों को छूना है। देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में सिविल अभियंता की अहम् भूमिका होती है। मैं भी चाहता हूँ कि देश के नवनिर्माण और विकास में अपना योगदान दे सकूँ।
जीवन के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए परिश्रम और लगन से अपनी शिक्षा में अग्रसर हूँ। और मुझे पूरा विश्वास है कि उचित मार्गदर्शन और कठिन परिश्रम से मैं अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर लूंगा।
Essay on Jeevan Ka Lakshya in hindi.

Saturday, August 26, 2017

जीवन का सच

जीवन का सच
truth of life in hindi
इस प्रश्न का प्रत्यक्ष और सीधा उत्तर प्राप्त करना लगभग असंभव है। पृथ्वी जो कि ब्रह्मांड का एक अत्यंत सूक्ष्म हिस्सा है, उस में जीवन का होना एक पहेली जैसा है। जीवन कैसे उत्पन्न हुआ और एक जीवित कोशिका से वर्तमान मनुष्य का रूप कैसे आया , इसका सटीक उत्तर नही पाया जा सकता, केवल सम्भावनाये और अवधारणाये ही लगाई जा सकती हैं कि ऐसा कुछ हुआ होगा।
शायद जीवन की उत्पत्ति में ही जीवन के सच को समझा जा सके कि जीवन की उत्पत्ति हुई क्यों और कैसे? क्या होता अगर जीवन न होता धरती पर तो? सब कुछ होता ब्रह्माण्ड में, दिन रात सर्दी गर्मी ,लेकिन उसे कोई देखने वाला, महसूस करने वाला इस दुनिया में न होता। एक अनंत अकेलापन होता।
जीवन की प्रवत्ति आगे बढ़ने वाली अर्थात विकासशील होती है। एक कोशिका से एक इंसान तक का सफ़र एक विकास ही है। मनुष्य जीवन की अगर बात की जाए तो, खुश होना, आनंद का अनुभव करना ही आगे बढ़ना है।
दुःख इंसान को नष्ट करता है और ख़ुशी इंसान को स्वस्थ रखती है आगे विकसित करती है।
यह जरुरी नहीं कि ख़ुशी रुपये पैसे से ही आये, ख़ुशी बिना धन के भी प्राप्त की जा सकती है। एक बड़ी खुशी से बेहतर हैं कई छोटी छोटी खुशियाँ।
जीवन को जीना और खुश रहना ही जीवन का मूल उद्देश् है।दरअसल जीवित रहना ही प्राणियों के जीवन का सच है। प्राणी चाहे वह जानवर हो या इंसान या फिर कोई पेड़पोधा ,जीवन को जीना ही जीवन की सच्चाई है। एक पौधा, एक बेल ,क्यों हमेशा सूरज की रोशनी की दिशा में फलते फूलते हैं?
क्यों नदियों के आसपास बड़ी बड़ी सभ्यताएं पनपती हैं? क्योंकि सभी का मूल उद्देश्य जीवन को बनाये रखना है।
वर्तमान आधुनिक मानवीय युग की बात की जाए तो जीवन के मूल उदेशय के बारे में हम गहराई से नहीं सोच रहे। हम ऐशोआराम भौतिक वस्तुओं की ओर दौड़ रहे हैं। हम सभी एक भौतिक दुनिया में कैद हो गए है जहाँ अगर इलेक्ट्रिसिटी , इंटरनेट, टेलीविजन , नहीं हो तो हम शायद जीवन को जीने की सोच ही न पाएं।
ऐसा नहीं है कि हम सभी जंगल में चले जाएँ या फिर पहाड़ो पर रहने लगे। परन्तु हमें जीवन की सच्चाई , उसके मूल उदेशय पर भी विचार करना होगा।
वातावरण, जलवायु सभी एक लंबे अंतराल के बाद बदलते रहते है। जीवन भी उसी प्रकार अपने स्वरूप बदलता रहता है लेकिन यह बदलाव कई सेकड़ो सालों में आते हैं। मानव सभ्यता को भी इस बदलाव के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए , न की इस से दूर जाना चाहिए।
जीवन में खुश रहिये और अपने आसपास के जीवन को समझिये।
जीवन का सच
truth of life in hindi.

Friday, July 21, 2017

Essay on ramnath kovind in hindi

Essay on ramnath kovind in hindi
हिन्दी निबंध रामनाथ कोविंद
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द हैं जिन्होंने जुलाई 2017 में पद ग्रहण किया।
उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहट जिले के पारौख गांव में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था।
उनके पिताजी मिकुलल भूमिहीन कोरी परिवार से थे, जो अपने परिवार का पालन करने के लिए एक छोटी सी दुकान चलाते थे। रामनाथ जी पांच भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटे थे।  वो जब 5 वर्ष के बालक थे तभी उनकी माता का निधन हो गया।
श्री रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) ने 30 मई 1974 को सविता कोविंद से शादी की। वह एक बेटा और एक बेटी, के पिता हैं।
अपनी प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा के बाद,जूनियर स्कूल में पढ़ने हेतु उन्हें छह किलोमीटर दूर, खानपुर गांव जाना होता था। उन्होंने वाणिज्य में स्नातक की डिग्री और डीएवी कॉलेज से एलएलबी (कानपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध) की उच्च शिक्षा प्राप्त की।
रामनाथ कोविंद (ramnath kovind)  दिल्ली उच्च न्यायालय में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील थे और 1980 से 1993 तक  सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के स्थायी वकील के रूप में कार्यरत थे।
अपने राजनितिक जीवनकाल में रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) भारतीय जनता पार्टी के नेता थे। वे 1994 से 2006 तक राज्यसभा के एक संसद सदस्य रहे। उन्होंने 2015 से 2017 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।।  श्री रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) को 2017 में सत्तारूढ़ दल द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया और मीरा कुमार के खिलाफ  उन्होंने भारत के राष्ट्रपति का चुनाव जीता।
हिन्दी निबंध रामनाथ कोविंद
Essay on ramnath kovind in hindi

Monday, July 17, 2017

Essay on As I see a Green Assam and Pollution free Assam

Essay on As I see a Green Assam and Pollution free Assam
असम एक प्रकृति की गोद में विराजमान ,सुंदर प्रदेश है। असम को हमें हरित और प्रदूषण मुक्त बनाने में योगदान देना होगा। ब्रह्मपुत्र नदी असम की हरित प्रकृति और सम्पन्नता में चार चाँद लगा देती है।
Essay on As I see a Green Assam and Pollution free Assam in hindi