Thursday, November 5, 2015

Essay on diwali in hindi.

Essay on diwali in hindi.
दीवाली को 'दीपावली' भी कहते है |दीपावली का अर्थ होता है दीपो की माला या कड़ी |दीवाली प्रकाश का त्यौहार है |यह हिन्दू केलेण्डर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन को मनाई जाती है |दीवाली मे लगभग सभी घर एवं रास्ते दीपक एवं विद्युत प्रकाश से रोशन किए जाते है | 'दीवाली ' का त्योहार मनाने का प्रमुख कारण है कि इस दिन भगवान राम ,अपनी पत्नी सीता और अपने भाई लक्षमण के साथ 14 वर्ष का वनवास बिताकर अयोध्या वापस लौटे थे |उनके स्वागत मे अयोध्या वासियो ने दीप जलाकर प्रकाश उत्सव मनाया था |इसी लिए प्रकाश के उत्सव को दीवाली के रूप मे हर वर्ष मानते है |यह त्योहार अपने साथ बहुत खुशिया एवं उमंग लेकर आता है | दीवाली के एक- दो हफ्ते पूर्व से ही लोग घर,आँगन ,मोहल्ले ,दुकान को सजाना शुरू कर देते है |बाज़ार मे रंग बिरंगे सामान ,कपड़ो,गहनों , बर्तन आदि की ख़रीदारी शुरू हो जाती है |कई प्रकार के पकवान व् मिठाइया बनाई जाती है |बाज़ार मे मिट्टी के दीपो ,खिलौने ,खिल-बताशे और मिठाईओ,पटाखों की दुकानों पर भीड़ होती है |दीवाली Essay on diwali आने पर हर परिवार मे खुशी की लहर दिखाई देती है | दीवाली के दिन सभी हिन्दू महा लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते है |माना जाता है इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करने से घर मे सुख -शांति,संपत्ति और समृद्धि का विकास होता है |संध्या होते ही घर में पूजा शुरू हो जाती है । लोग अपने घरो एवं व्यापारी अपने दुकानों मे बहीखातों की पूजा करते है |संध्या के समय घर आँगन प्रकाश से जगमगा उठते है|सभी नए कपडे पहनते है ,बच्चे फटाके फोड़ते है जिसमे प्रमुख अनार,चकली,फुलझड़ी ,रॉकेट,लड़ आदि होते है |महिलाए भी घर आँगन मे कई आकार की रंगीन रंगोली बनाती है ,साथ ही संध्या होते ही दियो के प्रकाश से सारे घर को सजाती है और खुद भी सजती सवरती है | दीवाली के दूसरे दिन सभी लोग अपने रिश्तेदार ,मित्रो , संबंधियो से मिलकर दीवाली की शुभकामनाए देते है । स्वादिष्ट पकवानो एवं मिठाइयो का लुफ्त उठाते है |इस तरह दीवाली हिंदुओं का प्रमुख  त्योहार हर साल भारत मे खुशी एवं उत्साह से मनाया जाता है |
Essay on diwali in hindi.

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