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Wednesday, December 9, 2015

Essay on Welfare of My Society Depends on My Well Being in hindi

essay on Welfare of My Society Depends on My Well Being in hindi
मेरे समाज का कल्याण मेरे स्वयं के कल्याण पर निर्भर है।
एक निबंध।
यह बात सच है कि जब मैं स्वयं कुशल मंगल और सक्षम रहूँगा तब मेरे समाज का भी कल्याण होगा। वास्तव में देखा जाए तो समाज भी लोगो से मिलकर बनता है इसलिए अगर लोग सुखी रहेंगे तो समाज भी सुखी रहेगा। सामाजिक कल्याण तभी होगा जब मैं ईमानदारी से अपने कुशल मंगल के लिए निष्ठापूर्वक अपना कर्तव्य करूँगा। हम अगर चीटीयों के समूह या मधुमखी के झुण्ड का उदाहरण लें तो पायेंगे कि उनके समूह का हर एक सदस्य अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ करता है। जिसके फलस्वरूप पूरा समूह अपना लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर लेता है। ठीक उसी प्रकार हम भी अपना कर्तव्य ठीक प्रकार से निभाए तो समाज भी अपने आप ही सुधर जाएगा।हम सभी को अपने व्यवसाय में सफलता पाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करना चाहिए ताकि समाज का आर्थिक विकास हो ।  हम जिस किसी क्षेत्र में भी हो चाहे हम विद्यार्थी हो या बिजनेसमैन या नोकरी पेशा हो , हम अपना कार्य पूरी निष्ठां और आनंद के साथ करे तो समाज और देश भी निश्चित रूप से प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।किसी और की सहायता करने से पहले स्वयं का सक्षम और काबिल होना जरुरी है। व्यवस्था को दोष देकर व्यर्थ बैठने से अच्छा है कि व्यक्ति खुद ही आगे आये और अपना भाग्य खुद अपने परिश्रम से लिखे। एक सफल मनुष्य स्वयं के साथ साथ राष्ट्र को भी सफल बनाने में अहम् भूमिका निभाता है।सभी नागरिक राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का पालन करे तो देश का विकास भी द्रुतगति से होने लगेगा। essay on Welfare of My Society Depends on My Well Being in hindi